राजीव गांधी का जन्म और विवाह – Birth and marriage of Rajiv Gandhi
1. राजीव गाँधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ था। इनके पैदा होने के तीन साल बाद ही देश आजाद हो गया था। और आजाद देश के पहले प्रथम प्रधानमंत्री उनके दादा जवाहरलाल नेहरु बने थे।
2. इनका नाम राजीव इसलिए रखा गया था, क्योकि नेहरू की पत्नी का नाम कमला था और राजीव का अर्थ कमल होता है। बस यादो को ताजा बनाए रखने के लिए इनका नाम राजीव रखा गया था।
3. राजीव गांधी भारत में सूचना क्रांति ( कंप्यूटराइजेशन और टेलीकम्युनिकेशन क्रांति ) के जनक माने जाते हैं
4. शादी से पहले राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी का नाम ” एन्टोनिया माईनो ” था। इनकी मुलाकात पढाई के दौरान कैम्ब्रिज में हुई थी।
राजीव गांधी का राजनीतिक जीवन – Rajiv Gandhi’s political life
5. राजीव गांधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वो एक एयरलाइन पाइलट की नौकरी करते थे। लेकिन हालात ऐसे बन गए कि नौकरी छोड़कर इनको राजनीति में आना पड़ा।
6. राजीव गांधी ने राजनीति में कदम अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीत कर रखा।
राजीव गांधी का योगदान – Contribution of Rajiv Gandhi
7. स्वराज्य संस्थाओं में महिलाओं को 33% रिजर्वेशन दिलवाने का काम राजीव गांधी ने ही अपने राजनीतिक कार्यकाल में किया था।
8. मतदाता की उम्र 21 वर्ष से कम करके 18 वर्ष तक के युवाओं को चुनाव में वोट देने का अधिकार राजीव गांधी ने दिलवाया।
9. देश में जवाहर नवोदय स्कूलों की स्थापना की।
10. इनके कार्यकाल के दौरान ही MTNL का गठन हुआ था।
11. राजीव गांधी जी ने महात्मा गांधी के चरणों में 29 जनवरी 1948 को फूल चढ़ाए थे। इस बात पर राजीव को बताया गया कि चरणों में फूल केवल मरे हुए इंसान के ही चढ़ाए जाते हैं। आश्चर्यजनक रुप से महात्मा गांधी की अगले दिन यानी 30 जनवरी को नाथुराम गोडसे ने हत्या कर दी थी।
राजीव गांधी की हत्या क्यों हुई – Why Rajiv Gandhi was killed ?
राजीव गांधी की हत्या का कारण श्रीलंका में चल रहे गृहयुद्ध को शांत करने के लिए राजीव गांधी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति जे आर जयवर्धने से मिले और जुबान दिया कि युद्ध रोकने के लिए भारतीय सेना को श्रीलंका में तैनात कर देंगे। लेकिन LTTE नहीं चाहता था कि भारत की शांति सेना को श्रीलंका भेजा जाए. शांति सेना भेजे जाने से पहले LTTE प्रमुख वी प्रभाकरन दिल्ली में राजीव गांधी से मिलने आया था. राजीव गांधी उसके साथ सख्ती से पेश आए थे। जिसकी वजह से वह राजीव गांधी का जानी दुशमन बन गया। और मारने का मौका ढूढ़ने लगा।
21 मई, 1991 को एक रैली को संबोधित करने के लिए राजीव गांधी चेन्नई से 30 किलोमीटर दूर श्रीपेरंबुदूर में पहुंचे। इन्हीं में एक LTTE की मेंबर धनु भी थी। राजीव गांधी के आसपास काफी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी परन्तु धनु उनके पास जाने में कामियाब हो जाती है और जैसे ही धनु राजीव गाँधी के पैर छूती है तो बम फट जाता है जो कि उसने अपने कपड़ों में छुपाया हुआ था. राजीव गाँधी समेत 17 अन्य लोगों की 21 मई 1991 को मौत हो जाती है।