
मुंशी प्रेमचंद के अनमोल विचार – Munshi Premchand Quotes In Hindi
Quote: 1 चापलूसी नामक ज़हरीला प्याला आपको वह तबतक नुकसान नहीं पहुंचा सकता, जबतक कि आपके कान उसे अमृत समझकर पी न जाएं।
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 2 विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई स्कूल आज तक नहीं खुला, और न ही खुलेगा |
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 3 इन्सान का सबसे बड़ा दुश्मन उसका गुरुर होता है |
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 4 डरपोक लोगो में सत्य भी गूंगा हो जाता है |
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 5 धन को गवाँँकर अपनी आत्मा को पा लेना , यह कोई महंगा सौदा नहीं।
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 6 वर्तमान ही सबकुछ है। यदि भविष्य की चिंता करते है तो ये हमें कायर बना देती है और यदि भूत का भार उठाते है तो ये हमारी कमर तोड़ देती है।
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 7 प्रेम एक ऐसा बीज है, इसे एक बार ज़माने के बाद फिर बड़ी मुश्किल से उखड़ता है।
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 8 मुहब्बत अमृत की बूंद के समान है जो मरे हुए भावों को जिंदा कर देती है।
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 9 जबतक किसी दूसरे के पांव तले अपनी गर्दन दबी हो, तबतक उसके पांव को सहलाने में ही कुशलता होती है।
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 10 जवानी जोश , बल , साहस , दया , आत्मविश्वास , गौरव और वह सब कुछ है , जो जीवन को उज्ज्वल, पवित्र और पूर्ण बना देती है।
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
मुंशी प्रेमचंद के अनमोल विचार – Munshi Premchand Thoughts In Hindi
Quote: 11 कभी-कभी अभिमानवश अज्ञानी समझने वाले लोगो से भी शिक्षा मिल जाती है |
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 12 दूसरो को लूटने में नहीं बल्कि दूसरो को सुख देने में जीवन का असली सुख है |
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 13 बुराई करने में और आलोचना करने में बहुत फर्क होता है | बुराई एक दूसरे को अलग कर देती है , लेकिन आलोचना क़रीब ले आती है |
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 14 आलस्य एक ऐसा राज रोग है , जिसे भी लग जाये वह कभी भी संभल नहीं पाता है |
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 15 एक अनाथ बच्चे का हृदय चित्र पर पड़े हुए साधारण परदे के समान होता है जो हवा के साधारण झकोरे से हट जाता है |
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 16 दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी बहुत प्यारे लगते है |
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 17 कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सदव्यवहार से होती है, न कि हेकड़ी और रुआब से।
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 18 जो लोग कार्य कुशल होते है , उनकी जरुरत हर जगह पड़ती है |
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 19 प्रेम नामक रोटी में अमृत रहता है , फिर वह रोटी चाहे गेहू की हो या फिर बाजरे की |
Munshi Premchand – मुंशी प्रेमचंद
Quote: 20 मासिक बेतन पूरनमासी चाँद की तरह होता है , जो दिखाई सिर्फ एक दिन होता है , लेकिन धीरे-धीरे खत्म हो जाता है |