अकबर की जीवनी – Akbar Biography In Hindi

Biography In Hindi: अकबर का पूरा नाम जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर था, अकबर मुग़ल शासनकाल का सबसे अलग राजा था। अकबर को अकबर-ऐ-आज़म (अर्थात अकबर महान), शहंशाह अकबर, महाबली शहंशाह के नाम से भी जाना जाता है। अकबर एक बहुत ही बहादुर और शांतिप्रिय राजा था। उसकी सबसे खास बात यह है की उसने बचपन से राज्य चलाने का काम किया था। तो आइये जानते है बिस्तार से अकबर के जीवन के बारे में-

अकबर की जीवनी – Akbar Biography In Hindi

अकबर का जीवन परिचय –  Akbar Biography In Hindi


जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर का जन्म कब और कहाँ हुआ था ? अकबर के माता-पिता, दादा-दादी का क्या नाम है ? , अकबर का विवाह किसके साथ हुआ? , अकबर के कितने बच्चे और उनका क्या नाम था ? अकबर की मृत्यु कब हुई यह सारी जानकारी नीचे दी गई है-

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पूरा नाम अबुल-फतह जलाल उद्दीन मुहम्मद अकबर
जन्म 15 अक्तुबर, 1542
जन्मस्थान अमरकोट
पिता हुमांयू
माता नवाब हमीदा बानो बेगम साहिबा
दादा बाबर
दादी महम बेगम
बच्चे जहाँगीर, दानियाल, सुल्तान मुराद मिर्जा, हवर्ष, हुसैन
विवाह रुकैया सुल्तान बेगम (मुख्य पत्नी), पत्नी हीर कुँवारी, हीरा कुँवारी, हरका बाई, जोधा बाई, सलीमा सुल्तान बेगम
धर्म इस्लाम, दीन-ए इलाही
शासनकाल 11 फरवरी 1556 से 27 अक्टूबर 1605
मृत्यु 27 अक्टूबर 1605 (फतेहपुर सीकरी, आगरा)

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इनका का जन्म 15 अक्तुबर, 1542 को अमरकोट में हुआ था। सम्राट अकबर मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का पौत्र और नासिरुद्दीन हुमायूंएवं हमीदा बानो का पुत्र था। बाबर का वंश तैमूर और मंगोल नेता चंगेज खां से संबंधित था अर्थात उसके वंशज तैमूर लंग के खानदान से थे

अकबर का आरंभिक जीवन – Early life of Akbar In Hindi


अकबर के पिता हुमायूँ को पश्तून नेता शेरशाह सूरी के कारण अज्ञातवास बिताना पड़ रहा था। जिसकी वजह से हुमायूँ अकबर को अपने साथ नहीं ले जा सका, लेकिन अकबर को अपने चाचा लोगों के यहाँ से दुलार प्यार कुछ ज़्यादा ही होता था। अकबर पढ़ा लिखा नहीं था, अकबर ने केवल सैन्य शिक्षा ही प्राप्त की थी काफी समय आखेट, दौड़ व द्वंद्व, कुश्ती आदि में बीता, तथा शिक्षा में उसकी रुचि नहीं रही। इनकी रुचि कबूतर बाजी, घुड़सवारी और कुत्ते पालने में अधिक थी।

जब हुमायूँ  ने 1555 में दिल्ली पर पुनः अधिकार कर लिया। कुछ समय बाद हुमायूँ का आकस्मिक निधन अपने पुस्तकालय की सीढ़ी से भारी नशे की हालात में गिरने के कारण हो गया, हुमायूँ  के निधन बाद 14 फरवरी 1556 को अकबर का राजतिलक हुआ, अकबर जब राजतिलक हुआ जिस मंच पर इनका तिलक हुआ था वह मंच आज भी पंजाब में बना हुआ है

अकबर के राज्य में विभिन्न धर्म और संस्कृति के लोग रहते थे, साथ ही अकबर को साहित्य काफी पसंद था और उसने एक पुस्तकालय की भी स्थापना की थी, इसमें लगभग 24,000 से भी अधिक संस्कृत, उर्दू, पर्शियन, ग्रीक, लैटिन, अरबी और कश्मीरी भाषा की क़िताबे थी अकबर ने फतेहपुर सिकरी में महिलाओ के लिए एक पुस्तकालय की भी स्थापना की थी।

इन्होने अपने जीवन में हिन्दुओ और मुस्लमानो को एकजुट बनाये रखने के लिए दिन ए इलाही धर्म की स्थापना भी की थी जिसमे पारसी और ख्रिचन धर्म का भी कुछ हिस्सा शामिल किया गया था।अकबर के दरबार में के बहुत सारे लोग भी इस धर्मं का पालन करते थे और वो अकबर को पैगम्बर भी मानते थे।

अकबर के शासनकाल की मुद्रा – Monetary value of Akbar’s reign in Hindi


महान अकबर ने अपने शासनकाल में ताँबें, चाँदी एवं सोनें की मुद्राएँ प्रचलित की। मुद्राओं के पृष्ठ भाग में सुंदर इस्लामिक प्रिंट हुआ करती थी। अकबर ने अपने मुद्राओ में कई बदलाव किए। उसने एक खुली टकसाल व्यवस्था की शुरुआत की जिसके अन्दर कोई भी व्यक्ति अगर टकसाल शुल्क देने मे सक्षम था तो वह किसी दूसरी मुद्रा अथवा सोने से अकबर की मुद्रा को परिवर्तित कर सकता था।

अकबर की कामुकता – Akbar’s sexuality in Hindi


अकबर के पास एक बहुत बड़ा हरम था, जिसमे बहुत सी स्त्रियाँ थीं। यहाँ पर बहुत सारी स्त्रियों को बलपूर्वक अपहृत करवा कर रखा हुआ था। अकबर स्त्रियों का अपहृत सती प्रथा के नाम पर करवाता था, क्योकि उस समय सती प्रथा बहुत जोर पर थी, अकबर के कुछ लोग सुन्दर स्त्री को सती होते देखते थे, बलपूर्वक जाकर सती होने से रोक देते व उसे सम्राट की आज्ञा बताते तथा उस स्त्री को हरम में डाल दिया जाता था।

जब हम इतिहास को खोलते है , तो इतिहासकार बताते है,कि बादशाह सलामत ने सती प्रथा का विरोध किया व उन अबला स्त्रियों को संरक्षण दिया। यह बात बिलकुल ही गलत है, क्योकि अकबर ने अपनी जीवनी में खुद लिखा है, कि यदि मुझे पहले ही यह बुधिमत्ता जागृत हो जाती तो मैं अपनी सल्तनत की किसी भी स्त्री का अपहरण कर अपने हरम में नहीं लाता”  इसलिए यह बात साफ जाहिर होती है, कि अकबर सुन्दरियों का अपहरण करवाता था।

अकबर के नवरत्न – Akbar’s Navaratna in Hindi


अकबर पढ़े लिखे नहीं थे, फिर भी अकबर को कलाकारों एवं बुद्धिजीवियो से विशेष प्रेम था। इसलिए अकबर अपने दरबार में नौ अति गुणवान दरबारी रखे हुए थे

अबुल फजल: इन्होने  अकबरनामा की रचना की थी। और साथ ही इन्होने ही आइन-ए-अकबरी भी रचा था।

फैजी: अबुल फजल का भाई था। वह फारसी में कविता करता था। राजा अकबर ने उसे अपने बेटे के गणित शिक्षक के पद पर नियुक्त किया था।

मिंया तानसेन: अकबर के दरबार में गायक थे। वह कविता भी लिखा करते थे।

बीरबल:  दरबार के विदूषक और अकबर के सलाहकार थे। ये परम बुद्धिमान कहे जाते हैं। इनके अकबर के संग किस्से आज भी कहे जाते हैं।

राजा टोडरमल: अकबर के वित्त मंत्री थे।

राजा मान सिंह: अकबर की सेना के प्रधान सेनापति थे। इनकी बुआ जोधाबाई अकबर की पटरानी थी।

अब्दुल रहीम खान-ऐ-खाना: एक कवि थे और अकबर के संरक्षक बैरम खान के बेटे थे।

फकीर अजिओं-दिन: अकबर के सलाहकार थे।

मुल्लाह दो पिअज़ा: अकबर के सलाहकार थे।

अकबर की मृत्यु  – Akbar Death in Hindi


3 अक्तूबर 1605 को पेचिश के कारण बीमार हो गये थे और फिर ये कभी अच्छे ही नहीं हुए। ऐसा माना जाता है कि 27 अक्तूबर 1605 को अकबर की मृत्यु हो गयी थी और उन्हें आगरा के सिकंदरा में दफनाया गया था। जलाल उद्दीन मुहम्मद अकबर अपनी प्रजा के लिए किसी भगवान् से कम नहीं थे। उनकी प्रजा उनसे बहुत प्यार करती थी।