रहीम दास के दोहे हिंदी अर्थ सहित | Rahim Das Ke Dohe In Hindi

Rahim Das Ke Dohe In Hindi: अब्दुल रहीम खानखाना का जन्म 17 दिसम्बर 1556 को लाहौर में हुआ| रहीमदास के पिता का नाम बैरम खान तथा माता का नाम सुल्ताना बेगम था| बैरम खान की दूसरी पत्नी का नाम सईदा खां था| आइये अब हम रहीम के दोहो को  जानते है -Rahim Ke Dohe Arth Sahit

रहीम दास के दोहे हिंदी अर्थ सहित | Rahim Das Ke Dohe In Hindi

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पूरा नाम अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना, (रहीम दास)
पिता का नाम बैरम खान
माता का नाम सुल्ताना बेगम
जन्म 17 दिसम्बर 1556 ई.
मृत्यु 1627 ई. (उम्र- 70)

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रहीम दास के दोहे  | Rahim Das Ke Dohe In Hindi


दोहा(Dohe) : 1

रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय.
टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीमदास जी कहते हैं कि प्रेम के रिश्ते-नाते बहुत ही नाजुक होते है, अगर आप इस रिश्ते को झटका देकर तोड़ते हो तो ये सही नहीं होगा, क्योकि प्रेम रूपी ये धागा एक बार टूट गया तो फिर जल्दी नहीं जुड़ेगा, और अगर इसे जोड़ भी दिया जाए तो इसमें गाँठ पड़ जाएगी ।

दोहा(Dohe) : 2

दोनों रहिमन एक से, जों लों बोलत नाहिं।।
जान परत हैं काक पिक, रितु बसंत के नाहिं।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीमदास जी कहते हैं, कि इन दोनों पंछी कौआ और कोयल का रंग एक जैसा ही होता है, इन दोनों की पहचान हम तभी कर पाते है, जब हम इनकी आवाज सुनते है, जब वसंत ऋतु आता है , तब कोयल की मधुर सी आवाज सुनके दोनों में अंतर स्पष्ट हो जाता हैं।

दोहा(Dohe) : 3

रहिमन ओछे नरन सो, बैर भली न प्रीत।।
काटे चाटे स्वान के, दोउ भाँती विपरीत।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीमदास जी समझाते है, कि गिरे हुए इन्सान की न तो दोस्ती अच्छी होती है, और न ही ऐसे इन्सान की दुश्मनी. क्योकि कुत्ता चाहे काटे या फिर चाटे दोनों ही अच्छा नहीं होता।

दोहा(Dohe) : 4

जो बड़ेन को लघु कहें, नहीं रहीम घटी जाहिं।।
गिरधर मुरलीधर कहें, कछु दुःख मानत नाहिं।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ):किसी भी बड़े को छोटा कहने से बड़े का बड़प्पन कम नहीं होता, क्योकी गिरिधर को कान्हा कहने से उनकी महिमा में कमी नहीं होती ।

दोहा(Dohe) : 5

जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करी सकत कुसंग।।
चन्दन विष व्यापे नहीं, लिपटे रहत भुजंग।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीमदास जी ने बताया है कि जिन लोगों का स्वभाव अच्छा होता हैं, उन लोगों को बुरी संगती भी कुछ बिगाड़ नहीं पाती, ठीक उसी तरह जैसे जहरीले साप सुगंधित चन्दन के वृक्ष को लिपटे तो रहते है लेकिन चन्दन को विषैला नहीं बना पाते है ।

दोहा(Dohe) : 6

रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारी।।
जहां काम आवे सुई, कहा करे तरवारी।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): किसी बड़ी वस्तु को देखकर छोटी वस्तु को फेंक नहीं देना चाहिए,क्योकि जहां छोटी सी सुई काम आती हैं, वहां बड़ी तलवार क्या कर सकती हैं?

दोहा(Dohe) : 7

समय पाय फल होता हैं, समय पाय झरी जात
सदा रहे नहीं एक सी, का रहीम पछितात।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): कबीरदास जी समझाते है कि हमेशा किसी की अवस्था एक जैसी नहीं रहती, सही समय आने पर वृक्ष पर फल लगते हैं और झड़ने का समय आने पर वह झड जाते हैं, ठीक वैसे ही दुःख के समय पछताना व्यर्थ हैं।

दोहा(Dohe) : 8

वे रहीम नर धन्य हैं, पर उपकारी अंग।।
बाँटन वारे को लगे, ज्यो मेहंदी को रंग।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): वह सब इंसान धन्य हैं, जिनका शरीर हमेशा सबका उपकार करता हैं, जिस प्रकार मेहंदी बाटने वाले पर के शरीर पर भी उसका रंग लग जाता हैं, ठीक उसी प्रकार से परोपकारी का शरीर भी सुशोभित रहता हैं।

दोहा(Dohe) : 9

पावस देखि रहीम मन, कोईल साढ़े मौन।।
अब दादुर वक्ता भए, हमको पूछे कौन।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीमदास जी कहते है, कि बारिश के मौसम को देखकर कोयल के मन ने मौन साध लिया हैं. अब तो केवल मेंढक ही बोलने वाले हैं, तो इनकी सुरीली आवाज को कोई नहीं पूछता, अर्थात कुछ अवसर ऐसे आते हैं जब गुणवान को चुप-चाप रहना पड़ता हैं. कोई उनका आदर नहीं करता और गुणहीन वाचाल व्यक्तियों का ही बोल-बाला हो जाता हैं.

दोहा(Dohe) : 10

बिगरी बात बने नहीं, लाख करो कीं कोय।।
रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): इन्सान को अपना व्यवहार सोच समझ कर करना चाहिये क्योकी किसी भी कारण से यदि बात बिगड़ जाये तो उसे सही करना बहोत मुश्किल होता हैं जैसे एक बार दूध ख़राब हो गया तो कितनी भी कोशिश कर लो उसे मठ कर मख्खन नहीं निकाला जा सकता|

दोहा(Dohe) : 11

रूठे सृजन मनाईये, जो रूठे सौ बार।।
रहिमन फिरि फिरि पोईए, टूटे मुक्ता हार।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीम जी समझाते है कि यदि माला टूट जाये तो उन मोतियों के धागे में पीरों लेना चाहिये , उन्हें बिखेरना नहीं चाहिए, ठीक इसी तरह अगर आपका कोई प्रिय आपसे सौ बार भी रूठे तो उसे मना लेना चाहिये।

दोहा(Dohe) : 12

जैसी परे सो सही रहे, कही रहीम यह देह।।
धरती ही पर परत हैं, सित घाम औ मेह।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): जिस प्रकार धरती सर्दी, गर्मी और वर्षा को सह लेती है,ठीक उसी तरह इंसान के शरीर को सुख दुःख सह लेना चाहिये।

दोहा(Dohe) : 13

खीर सिर ते काटी के, मलियत लौंन लगाय।।
रहिमन करुए मुखन को, चाहिये यही सजाय.।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीमदास जी कहते हैं,कि खीरे के कड़वेपन को दूर करने के लिये उसके उपरी सिरे को काटने के बाद उस पर नमक लगाया जाता हैं. कड़वे शब्द बोलने वालो के लिये यही सजा ठीक हैं.

दोहा(Dohe) : 14

रहिमन अंसुवा नयन ढरि, जिय दुःख प्रगट करेड़।।
जाहि निकारौ गेह ते, कस न भेद कही देई।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीमदास जी कहते है, आंसू आखों से बहकर मन का दुःख प्रगट कर देते हैं, ठीक इसी प्रकार जिसे घर से निकाला जायेंगा, वह घर का भेद दूसरो को ही बतायेंगा

दोहा(Dohe) : 15

रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।।
सुनी इठलैहैं लोग सब, बांटी लैहैं कोय।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): कबीरदास जी कहते है कि अपने मन के दुःख को मन के अंदर ही छिपा कर रखना चाहिये क्योकी दुसरों का दुःख सुनकर लोग इठला भले ही लेते है उसे बाट कर काम करने वाले बहुत कम लोग होते हैं।

दोहा(Dohe) : 16

छिमा बड़न को चाहिये, छोटन को उतपात।।
कह रहीम हरी का घट्यौ, जो भृगु मारी लात।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): उम्र से बड़े लोगों को क्षमा शोभा देती हैं, और छोटों को बदमाशी। मतलब छोटे बदमाशी करे तो कोई बात नहीं बड़ो ने छोटों को इस बात पर क्षमा कर देना चाहिये. अगर छोटे बदमाशी करते हैं तो उनकी मस्ती भी छोटी ही होती हैं. जैसे अगर छोटासा कीड़ा लाथ भी मारे तो उससे कोई नुकसान नहीं होता।

दोहा(Dohe) : 17

तरुवर फल नहीँ खात हैं, सरवर पियहि न पान।।
कही रहीम पर काज हित, संपति संचही सुजान।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): पेड़ अपना फ़ल खुद नहीं खाते और नदियाँ भी अपना पानी स्वयं नहीं पीती, इसी तरह अच्छा व्यक्ति वो हैं जो दुसरों को दान के कार्य के लिये अपनी संपत्ति को खर्च करते हैं.

दोहा(Dohe) : 18

दुःख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय।।
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुःख काहे होय.”।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): दुःख में सभी लोग भगवान को याद करते हैं, सुख में कोई नहीं करता, अगर सुख में भी याद करते तो दुःख होता ही नही।

दोहा(Dohe) : 19

खैर, खून, खाँसी, खुसी, बैर, प्रीति, मदपान।।
रहिमन दाबे न दबै, जानत सकल जहान।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): सारा संसार जानता हैं कि खैरियत, खून, खाँसी, ख़ुशी, दुश्मनी, प्रेम और शराब का नशा छुपाने से नहीं छुपता हैं।

रहीम दास के दोहे कक्षा 9-Rahim Das ke dohe Class 9


दोहा(Dohe) : 20

जो रहीम ओछो बढै, तौ अति ही इतराय।।
प्यादे सों फरजी भयो, टेढ़ों टेढ़ों जाय।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): लोग जब प्रगति करते हैं तो बहुत इतराते हैं, वैसे ही जैसे शतरंज के खेल में ज्यादा फ़र्जी बन जाता हैं तो वह टेढ़ी चाल चलने लता हैं।

 

दोहा(Dohe) : 21

चाह गई चिंता मिटीमनुआ बेपरवाह
जिनको कुछ नहीं चाहिये, वे साहन के साह।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीमदास जी कहते है, जिन लोगों को कुछ नहीं चाहिये वों लोग राजाओं के राजा हैं, क्योकी उन्हें ना तो किसी चीज की चाह हैं, ना ही चिन्ता और मन तो पूरा बेपरवाह हैं।

दोहा(Dohe) : 22

जे गरिब पर हित करैं, हे रहीम बड।।
कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण मिताई जोग।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): जो लोग गरिब का हित करते हैं वो बड़े लोग होते हैं. जैसे सुदामा कहते हैं कृष्ण की दोस्ती भी एक साधना हैं।

दोहा(Dohe) : 23

जो रहीम गति दीप की, कुल कपूत गति सोय।।
बारे उजियारो लगे, बढे अँधेरो होय.”।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीमदास जी कहते है कि दिये के चरित्र जैसा ही कुपुत्र का भी चरित्र होता हैं, यह दोनों ही पहले तो उजाला करते हैं, पर बढ़ने के साथ अंधेरा होता जाता हैं।

दोहा(Dohe) : 24

रहिमन वे नर मर गये, जे कछु मांगन जाहि।।
उतने पाहिले वे मुये, जिन मुख निकसत नाहि।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): जो इन्सान किसी से कुछ मांगने के लिये जाता हैं वो तो मरे हैं ही परन्तु उससे पहले ही वे लोग मर जाते हैं जिनके मुह से कुछ भी नहीं निकलता हैं.

प्रेरणादायक रहीम के दोहे – Preranadayak Rahim Ke Dohe


दोहा(Dohe) : 25

रहिमन विपदा ही भली, जो थोरे दिन होय।।
हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): संकट आना जरुरी होता हैं क्योकी इसी दौरान ये पता चलता है की संसार में कौन हमारा हित और बुरा सोचता हैं.

दोहा(Dohe) : 26

बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।।
पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): बड़े होने का यह मतलब नहीं हैं की उससे किसी का भला हो. जैसे खजूर का पेड़ तो बहुत बड़ा होता हैं लेकिन उसका फल इतना दूर होता है की तोड़ना मुश्किल का कम है.

दोहा(Dohe) : 27

रहिमन चुप हो बैठिये, देखि दिनन के फेर।।
जब नाइके दिन आइहैं, बनत न लगिहैं देर।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): जब बुरे दीन आये तो चुप ही बैठना चाहिये, क्योकी जब अच्छे दिन आते हैं तब बात बनते देर नहीं लगती.

दोहा(Dohe) : 28

बानी ऐसी बोलिये, मन का आपा खोय।।
औरन को सीतल करै, आपहु सीतल होय।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): अपने अंदर के अहंकार को निकालकर ऐसी बात करनी चाहिए जिसे सुनकर दुसरों को और खुद को ख़ुशी हो.

दोहा(Dohe) : 29

मन मोटी अरु दूध रस, इनकी सहज सुभाय।।
फट जाये तो न मिले, कोटिन करो उपाय।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): मन, मोती, फूल, दूध और रस जब तक सहज और सामान्य रहते हैं तो अच्छे लगते हैं लेकिन अगर एक बार वो फट जाएं तो कितने भी उपाय कर लो वो फिर से सहज और सामान्य रूप में नहीं आते.

दोहा(Dohe) : 30

रहिमन ओछे नरन सो, बैर भली न प्रीत।।
काटे चाटे स्वान के, दोउ भांति विपरीत।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): कम दिमाग वाले व्यक्तियों से ना दोस्ती और ना ही दुश्मनी अच्छी होती हैं. जैसे कुत्ता चाहे काटे या चाटे दोनों को विपरीत नहीं माना जाता है.

रहीम दास के दोहे कक्षा 10-Rahim Das ke dohe Class 10


दोहा(Dohe) : 31

रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सुन।।
पानी गये न ऊबरे, मोटी मानुष चुन।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): इस दोहे में रहीम ने पानी को तीन अर्थों में प्रयोग किया है, पानी का पहला अर्थ मनुष्य के संदर्भ में है जब इसका मतलब विनम्रता से है. रहीम कह रहे हैं की मनुष्य में हमेशा विनम्रता होनी चाहिये. पानी का दूसरा अर्थ आभा, तेज या चमक से है जिसके बिना मोटी का कोई मूल्य नहीं. पानी का तीसरा अर्थ जल से है जिसे आटे से जोड़कर दर्शाया गया हैं. रहीमदास का ये कहना है की जिस तरह आटे का अस्तित्व पानी के बिना नम्र नहीं हो सकता और मोटी का मूल्य उसकी आभा के बिना नहीं हो सकता है, उसी तरह मनुष्य को भी अपने व्यवहार में हमेशा पानी यानी विनम्रता रखनी चाहिये जिसके बिना उसका मूल्यह्रास होता है.

दोहा(Dohe) : 32

रहिमन विपदा हु भली, जो थोरे दिन होय।।
हित अनहित या जगत में, जान परत सब कोय।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): यदि संकट कुछ समय की हो तो वह भी ठीक ही हैं, क्योकी संकट में ही सबके बारेमें जाना जा सकता हैं की दुनिया में कौन हमारा अपना हैं और कौन नहीं.

दोहा(Dohe) : 33

पावस देखि रहीम मन, कोईल साढ़े मौन।।
अब दादुर वक्ता भए, हमको पूछे कौन।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): बारिश के मौसम को देखकर कोयल और रहीम के मन ने मौन साध लिया हैं. अब तो मेंढक ही बोलने वाले हैं तो इनकी सुरीली आवाज को कोई नहीं पूछता, इसका अर्थ यह हैं की कुछ अवसर ऐसे आते हैं जब गुणवान को चुप छाप रहना पड़ता हैं. कोई उनका आदर नहीं करता और गुणहीन वाचाल व्यक्तियों का ही बोलबाला हो जाता हैं.

दोहा(Dohe) : 34

कहि ‘रहीम’ संपति सगे, बनत बहुत बहु रीति।।
बिपति-कसौटी जे कसे, सोई सांचे मीत।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीम दास जी ने इस दोहे में सच्चे मित्र के विषय में बताया है। वो कहते हैं कि सगे-संबंधी रुपी संपत्ति कई प्रकार के रीति-रिवाजों से बनते हैं। पर जो व्यक्ति आपके मुश्किल के समय में आपकी मदद करता है या आपको मुसीबत से बचाता है वही आपका सच्चा मित्र होता है।

दोहा(Dohe) : 35

जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।।
रहिमन’ मछरी नीर को तऊ न छाँड़ति छोह।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): इस दोहे में रहीम दास जी ने मछली के जल के प्रति घनिष्ट प्रेम को बताया है। वो कहते हैं मछली पकड़ने के लिए जब जाल पानी में डाला जाता है तो जाल पानी से बाहर खींचते ही जल उसी समय जाल से निकल जाता है। परन्तु मछली जल को छोड़ नहीं सकता और वह पानी से अलग होते ही मर जाता है।

दोहा(Dohe) : 36

थोथे बादर क्वार के, ज्यों ‘रहीम’ घहरात ।।
धनी पुरुष निर्धन भये, करैं पाछिली बात ।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीम जी कहते हैं जिस प्रकार क्वार महीने में (बारिश और शीत ऋतू के बिच) आकाश में घने बादल दीखते हैं पर बिना बारिश किये वो बस खाली गडगडाहट की आवाज़ करते हैं उस प्रकार जब कोई अमरी व्यक्ति कंगाल हो जाता है या गरीब हो जाता है तो उसके मुख से बस घमंडी बड़ी-बड़ी बातें ही सुने देती हैं जिनका कोई मूल्य नहीं होता।

दोहा(Dohe) : 37

धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पिअत अघाय ।।
उदधि बड़ाई कौन हे, जगत पिआसो जाय।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीम दास जी इस दोहे में की कीचड़ का पानी बहुत ही धन्य है क्योंकि उसका पानी पी कर छोटे-मोटे कीड़े मकोड़े भी अपनी प्यास बुझाते हैं परन्तु समुद्र में इतना जल का विशाल भंडार होने के पर भी क्या लाभ जिसके पानी से प्यास नहीं बुझ सकती है। यहाँ रहीम जी कुछ ऐसी तुलना कर रहे हैं जहाँ उदहारण के लिए देखें तो ऐसा व्यक्ति जो गरीब होने पर भी लोगों की मदद करता है परन्तु एक ऐसा भी व्यक्ति है जिसके पास सब कुछ होने पर भी वह किसी की भी मदद नहीं करता है यानी की परोपकारी व्यक्ति ही महान होता है।

दोहा(Dohe) : 38

नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।।
ते रहीम पशु से अधिक, रीझेहु कछू न देत।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीम दस जी इस दोहे में कहते हैं – मृग मधुर तान पर मोहित हो कर स्वयं को शिकारी को सौप देता है और मनुष्य किसी भी कला से मोहित हो कर उसे धन देते हैं। दुसरे पंक्ति में वो कहते हैं कि जो मनुष्य कला पर मुग्ध होने के बाद भी उसे कुछ नहीं देता है वह पशु से भी हीन है। हमेशा कला का सम्मान करो और उससे प्रभावित होने पर दान जरूर करें।

दोहा(Dohe) : 39

रहिमन निज संपति बिना, कोउ न बिपति सहाय।।
बिनु पानी ज्‍यों जलज को, नहिं रवि सकै बचाय।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीम जी इस दोहे में बहुत ही महत्वपूर्ण बात कह रहे है। वो कहते हैं जिस प्रकार बिना पानी के कमल के फूल को सूखने से कोई नहीं बचा सकता उसी प्रक्रार मुश्किल पड़ने पर स्वयं की संपत्ति ना होने पर कोई भी आपकी मदद नहीं कर सकता है। रहीम जी इस दोहे के माध्यम से संसार के लोगों को समझाना चाहते हैं की मनुष्य को निज संपत्ति का संचय करना चाहिए ताकि मुसीबत म्विन वह उसके काम आये।

रहीम दास के दोहे कक्षा 11-Rahim Das ke dohe Class 11


दोहा(Dohe) : 40

आब गई आदर गया, नैनन गया सनेहि।।
ये तीनों तब ही गये, जबहि कहा कछु देहि।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): ज्यों ही कोई किसी से कुछ मांगता है त्यों ही आबरू, आदर और आंख से प्रेम चला जाता है।

दोहा(Dohe) : 41

खीरा सिर ते काटिये, मलियत नमक लगाय।।
रहिमन करुये मुखन को, चहियत इहै सजाय।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): खीरे को सिर से काटना चाहिए और उस पर नमक लगाना चाहिए। यदि किसी के मुंह से कटु वाणी निकले तो उसे भी यही सजा होनी चाहिए।

दोहा(Dohe) : 42

जे गरीब पर हित करैं, हे रहीम बड़ लोग।।
कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण मिताई जोग।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): जो गरीब का हित करते हैं वो बड़े लोग होते हैं। जैसे सुदामा कहते हैं कृष्ण की दोस्ती भी एक साधना है।

दोहा(Dohe) : 43

माली आवत देख के, कलियन करे पुकारि।।
फूले फूले चुनि लिये, कालि हमारी बारि।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): माली को आते देखकर कलियां कहती हैं कि आज तो उसने फूल चुन लिया पर कल को हमारी भी बारी भी आएगी क्योंकि कल हम भी खिलकर फूल हो जाएंगे।

दोहा(Dohe) : 44

एकहि साधै सब सधै, सब साधे सब जाय।।
रहिमन मूलहि सींचबो, फूलहि फलहि अघाय।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): एक को साधने से सब सधते हैं। सब को साधने से सभी के जाने की आशंका रहती है। वैसे ही जैसे किसी पौधे के जड़ मात्र को सींचने से फूल और फल सभी को पानी प्राप्त हो जाता है और उन्हें अलग-अलग सींचने की जरूरत नहीं होती है।

दोहा(Dohe) : 45

मन मोती अरु दूध रस, इनकी सहज सुभाय।।
फट जाये तो ना मिले, कोटिन करो उपाय।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): मन, मोती, फूल, दूध और रस जब तक सहज और सामान्य रहते हैं तो अच्छे लगते हैं परन्तु यदि एक बार वे फट जाएं तो करोड़ों उपाय कर लो वे फिर वापस अपने सहज रूप में नहीं आते।

दोहा(Dohe) : 46

बिरह विथा कोई कहै समझै कछु न ताहि।।
वाके जोबन रूप की अकथ कथा कछु आहि ।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ):  बिरह के दुख को कहने पर भी कोई उसे समझ नही सकता है।एक रूपवती नवयौवना के समक्ष प्रेमी अपने विरह को ब्यक्त करता है परन्तु वह ऐसा दिखाती है कि वह कुछ नही समझती है।

दोहा(Dohe) : 47

पहनै जो बिछुवा खरी पिय के संग अंगरात।।
रति पति की नौैैैैैैबत मनौ बाजत आधी रात ।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रति प्रिया नारी के पैरों की बिछुवा रात में प्रिय के साथ अंगराई लेते समय मानो कोई मंगल घ्वनि-पवित्र स्वर उत्पन्न कर रहा है।

दोहा(Dohe) : 48

मानो कागद की गुड़ी चढी सु प्रेम अकास।।
सुरत दूर चित खैचई आइ रहै उर पास।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): प्रेम भाव कागज के पतंग की तरह धागा के सहारे से आकाश तक चढ जाता है। प्रेमी को देखते हीं वह चित्त को खींच लेता है और प्रेम हृदय से लग जाता है।

दोहा(Dohe) : 49

दादुर मोर किसान मन लग्यौ रहै धन मांहि।।
पै रहीम चातक रटनि सरवर को कोउ नाहिं।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): दादुर मोर एवं किसान का मन हमेशा बादल वर्शा मेघ के प्रेम में लगा रहता है।किंतु चातक को स्वाति नक्षत्र में बादल के लिये जो प्रेम रहता है वैसा इन तीनो को नही रहता है। चातक तो अनूठे प्रेम का प्रतीक है।

रहीम दास के दोहे कक्षा 12-Rahim Das ke dohe Class 12


दोहा(Dohe) : 50

अंतर दाव लगी रहै धुआं न प्रगटै सोय।।
कै जिय जाने आपुनेा जा सिर बीती होय ।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): हृदय में प्रेम की अग्नि ज्वाला लगी हुई है लेकिन इसका धुआॅ भी दिखाई नही देती है प्रेम करने वाले का हृदय हीं केवल इसे जान सकता है जिसके सिर पर यह बीत रही है।प्रेम में वियोग का दर्द केवल प्रेमी हीं जानता है।

दोहा(Dohe) : 51

यह न रहीम सराहिए लेन देन की प्रीति।।
प्रानन बाजी राखिए हार होय कै जीति ।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): रहीम उस प्रेम की सराहना मत करो जिसमें लेन देन का भाव हो।प्रेम कोई खरीद बिक्री की चीज नही है। प्रेम में वीर की तरह प्राणों के न्यौछावर करने की बाजी लगानी पड़ती है-उसमें विजय हो या हार-उसकी परवाह नही करनी पड़ती है।

दोहा(Dohe) : 52

रीति प्रीति सबसों भली बैर न हित मित गोत।।
रहिमन याही जनम की बहुरि न संगति होत ।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): सब लोगों से प्रेम का ब्यबहार करना अच्छा है।किसी से भी शत्रुता कीना किसी के लिये लाभकारी नही है। पता नही इस जन्म के बाद मनुश्य के रूप में जन्म लेकर अच्छी संगति प्राप्त करना संभव होगा अथवा नही।

दोहा(Dohe) : 53

रहिमन सो न कछु गनै जासों लागो नैन।।
सहि के सोच बेसाहियेा गयो हाथ को चैन ।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): जिसे कहीं प्रेम हो गया वह कहने समझाने बुझाने से भी नहीं मानने बाला है। जैसे उसने प्रेम के बाजार में अपना सब सुख चैन बेचकर अपना दुख बियोग खरीदकर ले आया हो।

दोहा(Dohe) : 54

रहिमन वहाॅ न जाइये जहाॅ कपट को हेत।।
हम तन ढारत ढेकुली सींचत अपनो खेत ।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): प्रेम में छल नही होना चाहिये।हमें उन लोगों से प्रेम नही करना चाहिये जो कपटी स्वभाव के हैं।रात भर किसान अपना खेत सींचने हेतु ढेंकली चलाता रहा पर सबेरे दिखाई पड़ा किछल करके पानी को दूसरे के खेत में काट कर सींच लिया गया है। संबंध की परख करके हीं प्रेम करना चाहिये।

दोहा(Dohe) : 55

चढिबो मोम तुरंग पर चलिबेा पावक माॅहि।।
प्रेम पंथ ऐसो कठिन सब कोउ निबहत नाहिं ।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): मोम के घोड़े पर सवार होकर आग पर चलना जिस तरह कठिन होता है उसी तरह प्रेम के रास्ते पर चलना भी अत्यधिक मुशकिल है।सभी लोगों से प्रेम का निर्वाह कर पाना संभव नही होता है।

दोहा(Dohe) : 56

नाते नेह दूरी भली जो रहीम जिय जानि।।
निकट निरादर होत है ज्यों गड़ही को पानि ।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): संबंधियों से दूरी रखना हीं अव्छा है।तब हृदय में प्रेम बना रहता है।अधिक नजदीकी रहने पर आदर में कमी होने लगती है।नजदीक के तालाब की अपेक्षा दूर के तालाब को लोग अधिक अच्छा समझते हैं।

दोहा(Dohe) : 57

रहिमन रिस को छाडि कै करो गरीबी भेस।।
मीठो बोलो नै चलो सबै तुम्हारो देस ।। Rahim Das ।।

Hindi Meaning (अर्थ ): क्रोध छोड दो सादगी में रहो।प्रेम से मीठा बोलो नम्रता युक्त चालचलन रखो।सम्पूर्ण संसार में तुम्हारी प्रतिश्ठा रहेगी ।