विक्रम साराभाई की जीवनी – Vikram Sarabhai Biography In Hindi
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पूरा नाम | विक्रम अम्बालाल साराभाई |
जन्म | 12 अगस्त 1919 |
जन्मस्थान | अहमदाबाद |
माता | सरला देवी |
पिता | अम्बालाल साराभाई |
पेशा |
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विक्रम साराभाई का प्रारंभिक जीवन – Early Life Of Scientist Vikram Sarabhai In Hindi
अहमदाबाद शहर में 12 अगस्त 1919 को जन्मे विक्रम साराभाई के जीवन में इनके परिवार का बहुत ही महत्व था। इनके पिता अम्बालाल साराभाई एक माने-जाने उद्योगपति थे, इनके पिता के सफल व्यापारी होने की वजह से इनका परिवार एक अमीर परिवार था। अम्बालाल साराभाई के कुल 8 संताने थी। जिनमे से एक विक्रम साराभाई थे।
साराभाई का परीवार भारतीय स्वतंत्रता अभियान में शामिल होने के कारण बहुत से स्वतंत्रता सेनानी जैसे महात्मा गांधी, रबीन्द्रनाथ टैगोर, मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू अक्सर साराभाई के घर आते-जाते रहते थे। इन सभी सेनानियो का उस समय युवा विक्रम साराभाई के जीवन पर काफी प्रभाव पडा और उन्होंने साराभाई के व्यक्तिगत जीवन के विकास में काफी सहायता भी की।
विक्रम साराभाई की शिक्षा – Vikram Sarabhai Education In Hindi
इनकी माता सरला देवी जी अपने 8 बच्चों को पढाने के लिए मोंटेसरी प्रथाओ के अनुसार एक प्राइवेट स्कूल की स्थापना की। जिसे मारिया मोंटेसरी ने प्रतिपादित किया था। इन्होने अपनी प्रारंभिक शिक्षा यही पर पूरी की।
इंटरमीडिएट पास होने के बाद विक्रम साराभाई ने अपना मेट्रिक अहमदाबाद के गुजरात महाविद्यालय से पूरा किया। इसके बाद इंग्लैंड जाकर कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के सेन्ट जॉन महाविद्यालय, कैंब्रिज से शिक्षा ग्रहण की।
1940 के दौरान विक्रम साराभाई को प्राकृतिक विज्ञान (कैंब्रिज में) में उनके योगदान के लिए ट्रिपोस भी दिया गया। इसके कुछ समय के पश्चात् ही इनको दुसरे विश्व युद्ध की वृद्धि के कारण इंडिया आना पड़ा।
विवाह और संतान – Vikram Sarabhai personal life
इनका विवाह प्रसिद्ध क्लासिकल डांसर मृणालिनी साराभाई के साथ सितम्बर 1942 को हुआ। आपकी जानकारी के लिए बता दे इनका वैवाहिक समारोह चेन्नई में आयोजित किया गया था। विक्रम और मृणालिनी को दो बच्चे हुए। कार्तिकेय साराभाई और मल्लिका साराभाई।
अनुसन्धान और संस्थान
उन्होंने अपना पहला अनुसन्धान लेख “टाइम डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ कास्मिक रेज़” भारतीय विज्ञान अकादमी की कार्यविवरणिका में प्रकाशित किया। और साथ उन्होंने बहुत सारे संस्थान भी स्थापित किए। जो निम्नलिखित है।
- भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (28 साल की उम्र में)
- कम्यूनिटी साइंस सेंटर
- आईआईएम
- दर्पण अकाडेमी फ़ॉर परफ़ार्मिंग आर्ट्स
- फ़बीटीआर
- नेहरू विकास संस्था (मुख्य केंद्र बिंदु देश में शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र का विकास )
- वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन प्रॉजेक्ट
- यूरेनियम कार्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में योगदान – Contribution to Indian Space Program
इसरो भारत की एक ऐसी संस्था है, जिस पर आज पूरा भारत गर्व करता है। (इसरो के बारे में रोचक तथ्य ) इस संस्थान में विक्रम साराभाई ने बहुत योगदान दिया था। उन्होंने भारत सरकार को इस बात के लिए मनाया कि किसी देश के लिए एक स्पेस रिसर्च सेंटर की कितनी अहमियत है। 1962 में उनके प्रयासों से ISRO की स्थापना की गयी।
विक्रम साराभाई की मृत्यु – Vikram Sarabhai Death
विक्रम साराभाई की मृत्यु 30 दिसंबर 1971 को केरला के थिरुअनंतपुरम के कोवलम में हुआ था। इनके मृत्यु का कारण यात्रा और काम के बोझ की वजह से सेहत ख़राब हुई जिसकी वजह से मृत्यु का सामना करना पड़ा।